फिर कही से धमाके की आयी है आवाज ...
देखो फिर नींद से जागे नेता जी है आज ...
कौन मरा ... कहां मरा...कितने मरे ..
क्यों तुम यु हाय तौबा मचाते हो…
क्यों नहीं अपने घर में चुप बैठ जाते हो ...
जाँच कमेटी बना दी है, वो अपना काम करेगी ...
क्यों तू अब तक यहां खड़ा है ..
क्या तेरा भी कोई यहाँ मरा है ....
ले पकड तीन लाख तू भी और घर में आराम कर ...
नेता जी आये है दौरे पर, सब संभाल लेंगे ...
इस बार फिर कोई नया बयान देंगे ...
पडोसी मुल्क का हाथ लगता ...
आतंकवाद का कोई धर्म नहीं ..
आप संयम बनाये रखे ...
हम जवाब देंगे ...
दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी ...
अब ऐसे हमले बर्दाश नहीं होगे ...
ठीक है या कोई नया बयान भी दे ...
कृपया मीडिया मुद्दे को हवा ना दे ...
हर घटना को रोका नहीं जा सकता ...
जांच जारी है, आप प्रतीक्षा करे ...
कुछ दिन जनता चलाएगी ...
नेता जी की नींद उड़ाएगी ...
फिर नए धमाके के डर को समेटे ...
सब भूल जाएगी ...
नेता जी भी फिर से सो जायेगे ...
नये धमाके पर फिर सब याद आयेगे ....
फिर आसू नयी आँखों में अपना घर बनाएंगे ..
फिर जाने किसके अपने ,अपनों से दूर जायेंगे ...
सरकार किसकी भी हो चाहे ..
नेता जी मुआवजा देने जरुर आयेगे ...
जबरदस्त कटाक्ष .बहुत सुन्दर प्रस्तुति .आभार अकलमंद ऐसे दुनिया में तबाही करते हैं . आप भी जानें हमारे संविधान के अनुसार कैग [विनोद राय] मुख्य निर्वाचन आयुक्त [टी.एन.शेषन] नहीं हो सकते
जवाब देंहटाएंthanks ..
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