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भारतीय दर्शन और आधुनिक विज्ञान

कोशिश .....An Effort by Ankush Chauhan भारतीय दर्शन विश्व के प्राचीनतम दर्शनो में से एक है इसमें अनेक वैज्ञानिक सिंद्धान्तो को प्रतिपादि...

What is freedom , स्वन्त्रता क्या है , कैसे स्वतंत्र होकर जीवन का आनंद ले।

कोशिश .....An Effort by Ankush Chauhan




हम अक्सर देखते है कि आज समाज मे लोग स्वन्त्रता का अर्थ स्वछंदता से लेते है वो अपनी इंद्रियों के सुख के लिए किए गए कार्यो को स्वतंत्रता समझते है, चाहे वो वासनाओ की पूर्ति हो या नाश , व्यसन बुरी आदतें। जबकि ये सब हमारे इन्द्रिय बंधन है आत्मा के मार्गदर्शन में , अंतः मन की आवाज पर समाज, राष्ट्र और स्वयं के सकरात्मक विकास के लिये कार्ये और प्रयास करना ही सच्ची स्वन्त्रता है।
गीता में कहा गया है कर्म करना हमारा अधिकार है फल की इच्छा नही क्योकि कर्म हमारे हाथ मे होता है परन्तु उसका फल उस परम सत्ता के हाथ मे , हमारे अच्छे बुरे सभी कर्मो के आधार पर हमें फल प्राप्त होते है जैसे धरती में बीज बोकर हम अपना कार्ये करते है और वृक्ष पर फल स्वयं आते है, परंतु वो बोये बीज से भिन्न नही होते,  बोया पेड़ बाबुल तो आम कहाँ से होये, ऐसे ही जीवन मे हर फल हमारे कर्मो के अनुसार ही होता है। मुक्ति के साधन कही बाहर नही है, हमारे कर्म , हमारी इच्छाएं ही हमे बंधन में बंधती है और वही मुक्ति का मार्ग । अगर हम निष्काम भाव से कर्म करे और अपनी इच्छाओं को भी काबू में रखे तो वो हमें बंधन में नही फसाती, आंतरिक विजय ही मुक्ति का आधार है , जब हमारा मन हमारी इन्द्रियाँ हमारे वश में होती है , तो ये मुक्ति है और जब हम अपनी इंद्रियों के वश में होते है, तो यह बंधन है।
जब तक हम स्वयं के विषय मे ही सोचते रहेंगे हमे मुक्ति प्राप्त नही हो सकती , परन्तु जब हम स्वयं से पहले दुसरो की सेवा को चुनते है तो हमारा मुक्ति का मार्ग खुल जाता है। जब हम स्वयं के अस्तित्व को भूलकर हर प्राणी , जीव को अपना मानने लगते है तो हमारे ह्र्दय की विशालता सभी बंधनो को तोड़ देती है। ईश्वर ने मनुष्य को विवेकशील बनाया है वह अपने विवेक से इस सृष्टि के रहस्यों को जान सकता है, स्वयं के सही स्वरूप को जान सकता है अपने ज्ञान और विवेक के सहारे ईश्वर को प्राप्त करने के लिये प्रयत्न कर सकता है।
मनुष्य हर कर्म किसी ना किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिये करता है यहाँ तक की ईश्वर की स्तुति, आराधना, पूजा मे भी हमारे निजी स्वार्थ छुपे होते है , यही हमारे बन्धन का कारण है जिस दिन हम अपनी इच्छाओं, कामनाओं, आकांक्षाओं से दूर हो जायेगे उसी क्षण हम मुक्त हो जायेगे , हमारे निष्काम कर्म ही हमे मुक्ति दिलायेंगे।
जो मन आया वही करना स्वन्त्रता नही है तब तो आप मन के वशीभूत होकर कार्ये करते है , मन के वशीभूत होकर कभी हम बुरे कार्ये करते है कभी अच्छे, परंतु जब हम केवल मन की ना मानकर वो करते है जो सही है ,जो नीतिगत है तो हम स्वतंत्र हो जाते है।
विवेक के द्वारा अज्ञानता का नाश होता है वही हमे हमारे अज्ञान जनित कर्मो से हमें बचाता है ,बुरी प्रवर्ति, बुरे विचार हमारे मन से ज्ञान के द्वारा नष्ट हो जाते है, तब चित्त अपने मूल रूप में स्तिथ हो जाता है जिसे हम योग की अवस्था कहते है। जब तक कार्ये इच्छा के वशीभूत होकर, अपनी आदतों से मजबूर होकर किये जाते है तब तक हम स्वतंत्र नही हो सकते, किसी को नशे की आदत है, किसी को व्यसनों की ,किसी को चुप रहने की तो किसी को बोलने की उसी के अनुरूप हम हर कार्ये कर रहे है परन्तु जब कार्ये ज्ञान और विवेक के द्वारा सही गलत का निर्णय कर किये जाते है तो हम स्वंतत्र हो जाते है ,विवेक ही मुक्ति का आधार है।
हमारे क्रोध का कारण हमारी इच्छाएं है , जब उनकी पूर्ति में विघ्न पड़ता है तो क्रोध उत्पन्न होता है, अगर जीवन मे संतोष है और कर्म निष्काम भाव से किया जाये तो इच्छओं पर नियंत्रण होता है फिर आने वाली समस्याओं से हम विचलित नही होते , हम अपनी आदतों और इच्छओं के गुलाम नही बनते, हम स्वंतत्र पक्षी की भांति हवा से प्रभावित हुए बिना उड़ते रहते है। 
फल की इच्छा से किया गया हर कार्ये बंधन का कारण है यहाँ तक कि मुक्ति की इच्छा से किया गया प्रयास भी बंधन ही है,जब हम कर्म के फल के विचार को अपने मन से अलग कर लेंगे तो वह निष्काम कर्म होगा। निष्काम कर्म के साथ ज्ञान ,ध्यान और तप हमारे पूर्व कर्मो के संस्कार को भस्म करेंगे जब हमारे सभी कर्मो के संस्कार मिट जायेगे तो हम स्वंतत्र हो जायेगे , हम मुक्त हो जायेगे और हमारा जीवन आनंद में व्यतीत होगा । 

-AC

Who will win election

कोशिश .....An Effort by Ankush Chauhan

व्यंग्यात्मक कविता "कौन बनेगा प्रधान"


कौन बनेगा प्रधान
अटकी सबकी जान
सारे पासे फेक दिये, पर
वोटर, नही रहा है मान।
अटकी सबकी जान , भईया
अटकी सबकी जान
कौन बनेगा प्रधान
घर - बार कही दाव पर है,
कही दाव पर शान
जीवन भर जो रहे लुटते, 
आज मांग रहे, वोट का दान।
अटकी सबकी जान, भईया
अटकी सबकी जान,
कौन बनेगा प्रधान
बैनर- पोस्टर लगवा दिये है,
आध्धे- पव्वे बटवा दिए है,
पर जनता के मन मे है क्या,
नही पा रहे जान , ओ भईया
कौन बनेगा प्रधान
गुना भाग सब लगा लिये है,
रिश्ते नाते सब जोड़ लिए है
लिया जीत का थान,
फिर भी गले मे अटकी जान।
कौन बनेगा प्रधान, भईया
कौन बनेगा प्रधान
सबके दावे अपने -अपने
नही रहा कोई, किसी की मान
खाने वाले,  सबका खाते
पी के सबकी नारे लगाते,
बैठ पास गाते है, गुनगान।
अटकी सबकी जान , भईया 
कौन बनेगा प्रधान
जन सेवा का धंदा बनाके,
चुनाव से पहले खूब लुटाते,
हाथ पैर सब जुड़ जाते।
जीत चुनाव फिर लूट के खाते,
काम ना ये कुछ सही करवाते।
बस इसीलिए,  भटके प्राण।
अटकी इनकी जान , के भईया
कौन बनेगा प्रधान
कौन बनेगा प्रधान
-AC




Truth of life ,जीवन का सत्य बताती एक कविता, मैं बैठा गंगा के तट पर

कोशिश .....An Effort by Ankush Chauhan


जीवन का सत्य बताती एक कविता 


मैं बैठा गंगा के तट पर
सोच रहा जीवन है क्या।
कल कल करता बहता ये जल
कहता बस एक ही बात।
जो कल था वो आज नही
जो आज यहाँ वो कल खो जाता।
पर ये गंगा का तट वहीँ
रहती गंगा की धार वही।।
क्या खोया क्या पाया जग में
सब कुछ यही  धरा रह जाता।
गौमुख से चलकर, गंगासागर में मिल जाना 
फिर मेघो के पंखों पर चढ़कर ,नया जन्म है पाना।
चक्र यही है जीवन का भी 
जो  बस यूं ही चलते  है जाना ।
मैं बैठा गंगा के तट पर
सोच रहा जीवन है क्या।
झूठ सच की गठरी बाँधी।
सोने चांदी के ढेर लगाए।।
मैं मै कर माया जोड़ी ।
साथ न जाये फूटी कौड़ी।।
घोड़ा गाड़ी महल दुमहले ।
सब पीछे रह जाता है
भाई बंधु रिश्ते नाते
साथ कोई ना जाता है।
क्या खोया क्या पाया जग में
सब कुछ यही  धरा रह जाता है।
मैं बैठा गंगा के तट पर
सोच रहा जीवन है क्या।

-AC




शिक्षक एक युग निर्माता

कोशिश .....An Effort by Ankush Chauhan


भारतीय संस्कृति में शिक्षक का महत्व बहुत बड़ा माना गया है, जो सच में है भी , क्योकि एक शिक्षक के हाथों में राष्ट्र का भविष्य होता है , उसके विचार ,उसके कार्ये , उसकी शिक्षा लाखो करोड़ो बच्चो के भविष्य बदल सकती है । इसीलिए गुरु को ईश्वर के तुल्य माना गया है। 
"गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वर; गुरु साक्षात परम ब्रह्म, तस्माई श्री गुरुवाय नमः"। गुरू को इतनी बड़ी उपाधि देने का सिर्फ एक कारण है कि उसके पास भी ईश्वर की तरह निर्माण, संचालन और विध्वंस सारी शक्तिया होती है उसका दिया ज्ञान उसके शिष्य से कुछ भी करा सकता है ।
गुरु का ज्ञान और प्रेरणा शिष्यों को किसी भी मार्ग पर जाने के लिए प्रेरित कर सकती है। मगर आज के समय मे हमारी शिक्षा व्यवस्था अपने उद्देश्य से भटक चुकी है , हो सकता है कि इसका कारण देश मे लागू मैकाले की शिक्षा पद्दति हो।
मैकाले की शिक्षा जो अग्रेजो के समय देश मे लागू की गई थी वो आज भी देश मे लागू है उसका उद्देश्य देश मे नौकर पैदा करना था, ऐसे नौकर जो अग्रेजो के लिए नौकरी कर उनकी सेवा करे , उनके आदेशो का पालन करे, बिना कुछ सोचे । इस शिक्षा पद्दति में सिखाया जाता है, क्या और कैसे आज भी हम यही सिख रहे है हमारे बच्चे भी यही सिख रहे है जबकि जीवन मे क्या और कैसे से ज्यादा ये जानना जरूरी है क्यों , जब हमारा सवाल क्यों होता है तो हम समस्या की तह तक जा सकते है ।क्या गिरा सेब, कैसे गिरा पेड़ से टूट कर मगर जब क्यो गिरा आया तब गुरुत्वाकर्षण मिला, क्यो आपको गुलामी से भी आजाद करता है इसलिए क्यो को गौण कर , सिर्फ क्या और कैसे पर जोर दिया गया। मैकाले की अंग्रेजी शिक्षा पद्दति का एक मात्र उद्देश्य था भारत पर अग्रेजो के शासन को आसान करना । जब हम अंग्रेजी शिक्षा पद्दति की बात करते है तो उसका अर्थ माध्यम / भाषा से बिल्कुल नही है माध्यम हिंदी/अंग्रेजी/मराठी /तमिल कुछ हो मायने नही रखता है, मायने रखता है शिक्षा देने का तरीका ।
शिक्षा का उद्देश्य होना चाइये की बच्चा ये सीखे की ,
कैसे सोचना है, ना कि क्या सोचना है 
मगर हमारी शिक्षा पद्दति बच्चो को सिलेबस और किताबो के दायरे में बांध देती है उनका सारा ध्यान किताबो में लिखी लाइनों को रटने में ही चला जाता है  । उसपर नम्बरों की अंधी दौड़ सब भाग रहे है मगर जाना कहाँ है किसी को नही पता , परीक्षा में 100% लाने वाले भी सैकड़ो बच्चे मिल जाते है, 98-99 की तो बाढ़ सी ही आ जाती है क्या शिक्षा का उद्देश्य इससे पूरा हो जाता है, सोचिए अगर किसी के 60-65 प्रतिशत रह जाये या गलती से फेल हो जाये ( गलती से इसलिए क्योकि आज की शिक्षा प्रणाली में परीक्षा में फेल होने की संभावना कम है चाहे वो जिंदगी में फेल हो जाये ) 
कम नम्बर या फेल होने पर आज के बच्चे अपने जीवन को भी समाप्त करने के कदम उठा लेते है , जो शिक्षा उन्हें जीवन मे मजबूती से खड़े होकर हर मुश्किल का सामना करने के लिये थी, उसने उसे इतना कमजोर बना दिया । क्योंकि सफल होने पर क्या करना है ये तो हम जानते है परन्तु असफल होने पर क्या करना है ये नही जानते , क्योकि कभी किसी ने हमे ये सिखाया ही नही। 
जबकि शिक्षा का प्रथम उद्देश्य बच्चो को मजबूत बनाना है, उन्हें इतना सक्षम बनाना के, वे जीवन की किसी भी परिस्थिति का डटकर मुकाबला कर सके ,उसके बाद ही किसी विषय का ज्ञान उनके काम आ सकता है ।
गुरु गोविन्द दोऊ खड़े , काके लागू पाय|
बलिहारी गुरु आपने , गोविन्द दियो बताय||
जो गुरु ईश्वर का मार्ग बात सकता है वो इन समस्याओं का समाधान भी कर सकता है। अगर एक गुरु ठान ले के उसे अपने शिष्यों का जीवन बदलना है , उनके भविष्य को उज्जवल बनाना है तो वो निश्चित रूप से ये कर सकता है।तभी शिक्षक दिवस की सार्थकता होगी, जब शिक्षा का सही उद्देश्य पूरा होगा। 
-AC

धर्म का धंदा

कोशिश .....An Effort by Ankush Chauhan


धर्म, वैसे तो ये बहुत ही व्यापक विषय है इसे समझना इतना आसान नही है परन्तु अगर सच्चे मन से चिंतन करे तो मनुष्य इसे समझ सकता है । धर्म के विषय मे तो हमारे धर्म ग्रंथो में बहुत कुछ लिखा है परन्तु आज धर्म को ना जानने और ना मानने वाले धर्म के ठेकेदार बने हुए है और इन्होंने अपने निजी स्वार्थों के कारण धर्म का भी धंदा बना दिया है।
मंदिरों में बैठ इन ठेकेदारों ने वहाँ दर्शनों के लिए VIP लाइन बना दी , जितने ज्यादा पैसे उतने जल्दी दर्शन , सुनकर बड़ा आश्चर्य होता है , ईश्वर जब इनके कृत्यों को देखता होगा तो सोचता होगा मेरे नाम पर तुमने क्या धंदा बना दिया ईश्वर तो सभी का बराबर है उसके लिए कोई बड़ा छोटा नही।
ये धर्म का धंदा यही नही रुकता पहले तो इन्होंने भीड़ इकट्ठा करने के लिए राम - कृष्ण जैसी दिव्यात्माओं की जीवन लीलाओं में फूहड़ नाच गाने को जोड़ा तो अब इन्हें ही नचावा दिया, क्योकि भीड़ इकठी होगी तो चंदा मिलेगा क्योकि धर्म इनके लिए एक धंदा बन चुका है।
दिव्यात्माओं के जीवन चरित्र को आने वाली पीढ़ियों तक पहुचाने के लिये हर गाँव, गली ,मुहल्ले में मण्डलीय होती थी कमाई बढ़ी तो ये कमेटियों का रूप ले चुकी है और इनमें अब पदों की लड़ाईया होती है इंसान अपने स्वार्थ में इतना गिर गया है के आज चंद रुपयों के लिए धर्मिक कार्यो को भी कलंकित कर रहा है 
अरे कभी उन राम ,कृष्ण के चरित्र को अच्छे से पढ़ो तो समझ आएगा कि तुम कितना गिर गये हो। और हम समाज और आने वाली पीढ़ी को क्या संदेश दे रहे है । इन रामलीलाओं का क्या अर्थ रह गया अगर मंदिर जैसे पवित्र स्थानों और धर्म के कार्यो में भी गली गलौच और जूता चप्पल होने लगें। क्या इस मानसिकता से हम उन दिव्यात्माओं के चरित्र को प्रदर्शित कर पाएंगे।
मगर हम बड़े बड़े तिलक लगाकर ही अपने को धार्मिक समझ लेते है पर कभी स्वयं का मूल्यांकन करने का प्रयास ही नही करते। 
धर्म जैसे विषयों को भी अगर धंदा बना कर, चलो हमने कुछ कमा लिया तो सोचो, हम उसे लेकर जायगे कहाँ, 
अपने अहंकार के मद में चूर हम भूल जाते है 
"इस धरा का, इस धरा पर, सब धरा रह जायेगा।"
अहंकार तो रावण का नही रहा तो हम और आप तो क्या चीज है। 
अगर आप अनैतिक तरीको से ये सब अपने आने वाली पीढ़ियों के लिए इकट्ठा कर रहे है तो क्या आप ये मान कर बैठे है , के आपकी आने वाली पीढ़ी आपसे भी ज्यादा नालायक है। जो अपने लिए कुछ कर भी नही सकती।
मैं ये तो नही कहूँगा के इन लोगो के कृत्यों से धर्म का नाश हो रहा है, क्योंकि नाश तो ये अपना और अपनी आने वाली पीढ़ियों का ही कर रहे है क्योंकि धर्म का नाश नही होता वो तो अटल है । व्यक्ति जरूर धर्म से भटक सकता है और जब कभी अधर्म वाले बढेगे तो फिर कोई आएगा उनके विनाश को , पुनः मानव ह्रदय में धर्म की स्थापना के लिए उसे सही मार्ग दिखाने के लिये। कभी राम,  कृष्ण बनकर तो कभी दयानंद और विवेकानंद बनकर । 
मगर ये हमे सोचना है के हम इन दिव्यात्माओं के जीवन और विचारों से कुछ सिख कर अपने जीवन को धर्म के मार्ग पर लगाना चाहते है या अधर्म के मार्ग पर चलकर अहंकार के मद में नीच जीवन जीना चाहते है।
-AC

कैसे बनेगा भारत विकसित राष्ट्र

कोशिश .....An Effort by Ankush Chauhan



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने लाल किले की प्राचीर से अगले 25 साल में भारत को विकसित देश बनाने का महासंकल्प दिलाया है. उन्होंने कहा कि जब आजादी के 100 साल पूरे होंगे, तब देश विकसित देश बनना चाहिए. आखिर विकसित राष्ट्र का अर्थ क्या है क्या सिर्फ आर्थिक विकास करने मात्र से हम विकसित हो जायेगे? विकास का अर्थ है आर्थिक , वैचारिक , सांस्कृतिक विकास । अपनी संस्कृति की रक्षा करते हुए सैद्धांतिक वैचारिक मूल्यों के साथ आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाना ही सच्चा विकास है । जब तक हम उस विकास को प्राप्त न कर ले चाहे कितना भी आर्थिक सुदृढ हो जाये विकसित राष्ट्र नही हो सकते भले ही वर्ल्ड बैंक के आंकड़े हमे विकसित राष्ट्र कहने लगे। इसमें सबसे पहले आता है वैचारिक मूल्य , जब तक हमारे विचार मूल्यवान नही होंगे हमारी सोच मूल्यवान नही होगी तब तक हमारे कर्म भी मूल्यवान नही होगे समाज मे फैला चोरी, रिश्वत, भ्रष्टाचार , हेरा फेरी, अनैतिक तरीको से धन कमाना, सरकारी सम्पतियों की लूट, जमीनों /सड़को पर अवैध कब्जे, अपने घरों के रैंप सड़क पर ले आना, समाज सेवा का धन्धा बना देना, राजनीति को कमाई जा जरिया समझना, अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वाह न करना ये सभी वैचारिक पतन के ही कारण है चोरी, रिश्वत भ्रष्टाचार, हेरा फेरी करने वाले के साथ हम भी दोषी है क्योकि इन अनैतिक तरीको से धनार्जन करने वाले इन लोगो का हम तिरस्कार नही करते बल्कि हम लोग उन्हें समाज का सम्मानित व्यक्ति बना देते है , हम या हमारा अपना कोई किसी ऐसी नौकरी में जाता है जिसमे तनख्वाह कम है तो हम उसमे संतोष और संयम नही सीखते बल्कि उसमे ऊपर की कमाई देखते है यही वैचारिक पतन है, सरकारी जमीनों, सड़को पर कब्जे को तो आज हम अपना अधिकार समझते है घरों के रैम्प तो सड़को पर आते ही है अब तो घर भी 2 -4 फिट सड़को पर दिख जायेगे, इसमें न तो बनाने वाले को शर्म आती है ना ही देखने वालों को आज समाज की नज़र में इनका विरोध करने वाला मूर्ख है यही वैचारिक पतन है, राजीनीति आज सेवा का नही रोजगार का माध्यम बन गया है लोगो का वैचारिक पतन इस हद्द तक हो गया है के लोगो का राजनीति में घुसने का उद्देश्य कमाई के साधन और सरकारी सम्पति/ संसाधनों पर कब्जे के मार्ग ढूंढना है , कोई सरकारी सेवा हो या कोई निजी सेवा अपने दायित्वों का सही से निर्वहन ना करना वैचारिक पतन ही है। इसलिये जब तक वैचारिक विकास ना हो आर्थिक विकास हो भी जाये तो उसका लाभ आम जनमानस तक नही पहुँच सकता । दूसरा सांस्कृतिक विकास, इसका आधार वैचारिक विकास ही है क्योंकि हमारी संस्कृति वैचारिक मूल्यों पर ही आधारित है जिसमे मैं नही हम की भावना सर्वोपरि रही है हमारी संस्कृति सर्वेभवन्तु सुखिनः की रही है जब सब सुखी होंगे तो तो मेरा भी सुखी होना स्वाभाविक है परंतु मेरा सुख सभी के साथ मूल्यवान है, हमारी संस्कृति में एक समय राम एक वचन के लिए सारी सत्ताओ को छोड़कर वन चले जाते है और आज लोग छोटे से प्रधान - दिवान बनने के बाद ही जनता को दिये अपने वचनों को भूल जाते है बडी सत्ताओ का तो कहना ही, क्या ये वैचारिक और सांस्कृतिक मूल्यों का पतन नही है। आज भाई भाई में सम्पति के विवाद सामान्य बात है और कभी भरत जैसे लोग सारी सम्पति प्राप्त होने पर भी सम्पति नही, अपने भाई का साथ चाहते है और उनकी खड़ाऊ को उनका प्रतीक मान कर उस राज्य सम्पति के सेवक बनकर भाई का इंतजार करते है । हमारे देश के सांस्कृतिक मूल्य बहुत मजबूत थे इसमें परिवार का महत्व था आज एकल परिवार का महत्व बढ़ गया व्यापार, व्यवसाय , रोजगार के लिए परिवार से अलग रहना अलग बात है परंतु स्वतन्त्र जीवन के नाम पर परिवार से अलग हो जाना वैचारिक और सांस्कृतिक मूल्यों का पतन है। ऐसी बहुत सी घटनाएं है समाज की जहाँ हम वैचारिक और सामाजिक पतन को देखते है इसलिये सही मायनों में सबसे पहले वैचारिक और सांस्कतिक विकास जरूरी है क्योंकि यही विकसित समाज और राष्ट्र की नींव है आज भी हमारे देश मे संसाधनों की इतना अधिक कमी नही , कमी है तो सही विचारों की,  दूषित विचारों के कारण उन संसाधनों का सही लाभ आम जनमानस तक नही पहुँच पता । ये कार्ये सिर्फ सरकारों का नही है ये वैचारिक और सांस्कृतिक क्रांति जनमानस द्वारा ही लायी जा सकती है क्योंकि लोगो से ही समाज और राष्ट्र का निर्माण होता है, जब हम अपने निजी स्वार्थों से ऊपर राष्ट्र को रखना सिख जाये तो समझो परिवर्तन शुरू हो गया एक ऐसा परिवर्तन जो आपके और हमारे बच्चो के लिए सही अर्थों में विकसित राष्ट्र का निर्माण करेगा । यदि आज हम अपने विचारों को सही दिशा देगे तो वो ही उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेगा।

-AC

जीवन को सार्थक बनाने के लिए ईश्वर से प्रार्थना सच्चे मन से वह शक्ति हमे दो दयानिधे

वह शक्ति हमें दो दयानिधे,
कर्तव्य मार्ग पर डट जावें।
पर सेवा पर उपकार में हम,
जग जीवन सफल बना जावें।
हम दीन दुखी निबलों विकलों
के सेवक बन संताप हरे।
जो हैं अटके भूले भटके,
उनको तारें खुद तर जावें।
छल दम्भ द्वेष पाखण्ड झूठ-
अन्याय से निशि दिन दूर रहे।
जीवन हो शुद्ध सरल अपना,
सुचि प्रेम सुधारस बरसावें।
निज आन मान मर्यादा का,
प्रभु ध्यान रहे अभिमान रहे।
जिस देश जाति में जन्म लिया,
बलिदान उसी पर हो जावें।।

मन मे संकल्प के साथ स्वयं को राष्ट्र को समर्पित करने के भाव से 


क्या धर्म के नाम पर ये उन्माद सही में धर्म है

कोशिश .....An Effort by Ankush Chauhan

इस लेख का उद्देश्य किसी की भावनाओ को ठेस पहुँचाना नहीं है यदि किसी की भावनाओ को कोई ठेस पहुँचती है तो मैं उसके लिए पहले ही क्षमा माँगता हूँ।  परन्तु इस विषय पर सभी को गंभीरता से विचार करने की जरूरत है और विचार भी खुले मन से , किसी भी तरह के पूर्वाग्रह से या रूढ़िवादी सोच के साथ सत्य को जानना सम्भव नहीं।
 हम सभी लोग किसी ना किसी धर्म को मानते है जबकि धर्म मानने का विषय है ही नहीं , धर्म तो जानने का विषय है , आप माने या न माने धर्म तो धर्म ही रहेगा , वह तो अटल है, वही सत्य है, हमे तो सिर्फ उस सत्य को जानना है जिस भी रूप में वो है, उसे पहचानना है। 

धर्म का उद्देश्य मानवता का कल्याण है  और धर्म देश, काल से परे है  ,धर्म समय और स्थान से नही बदलता ,जो कल धर्म था वो आज भी धर्म है और कल भी रहेगा और वो हर स्थान पर रहेगा, सत्य बोलना, चोरी न करना अगर धर्म है तो वो हर कालखंड में हर स्थान पर है , धर्म उदार है, विश्वव्यापक है, असीम है जो संकीर्णताओं में बंधा है वो कल्याण नहीं कर सकता और जो कल्याण नहीं कर सकता वो धर्म नहीं हो सकता , धर्म अभय देता है यानी आपको भय मुक्त करता है जो डराए, धमकाए , भय दिखाए वो धर्म नहीं अधर्म है, धर्म सम्पूर्ण मानव जाति  के लिए एक सामान है , वो स्त्री पुरुष सभी के लिए सामान है जो भेद करे वो धर्म नहीं अधर्म है।  

यदि हम धर्म को सही अर्थो में समझना चाहे तो हमे पीछे मुड़कर कर देखना होगा यदि हम हमारे प्राचीन इतिहास की घटनाओं को देखे तो उनमे महाभारत के युद्ध को धर्मयुद्ध  कहा गया है जबकि उसमे लड़ने वाले दोनों एक ही परिवार के थे तो सीधी सी बात है जो निति के साथ है वो धर्म के साथ है जो अनीति के साथ है वो अधर्म के साथ है , ऐसे ही दूसरी घटना में  हिरणाकश्यप को देखे तो वो लोगो को मारकर , डराकर स्वयं की पूजा का दबाव डालता और खुद को ईश्वर बताता अगर किसी को तलवार की नौक पर अपनी पूजा, आराधना , इबादत करवानी पड रही है तो वो ईश्वर, भगवान , गॉड , खुदा कुछ नहीं वो सिर्फ शैतान है , दानव है , राक्षस है।  धर्म वो नहीं जो बहार से थोपा जाये , धर्म तो स्वयं मनुष्य के ह्रदय से बहार निकलता है, आपके गुण, कर्म, विचार स्वयं आपको पूजनीय बना देते है।

ईश्वर तो जन्म मृत्यु के बंधन से मुक्त है परन्तु फिर भी राम, कृष्ण, बुद्ध, गुरु नानक, महावीर आदि और भी अनेक महापुरुष अपने कार्यों और विचारों से ईश्वर के तुल्य पूजनीय हुए है कोई भी धर्म के मार्ग पर चलते हुए देवत्व और ईश्वरत्व को प्राप्त कर सकता है।

धर्म का संबंध ईश्वर से है और ईश्वर आदि है अनंत है , जब कुछ नहीं तब भी ईश्वर है, जहाँ सब कुछ है वहाँ भी ईश्वर है ईश्वर अलग अलग नहीं हो सकते इसका ईश्वर , उसका ईश्वर, मेरा ईश्वर ,तेरा ईश्वर यह संभव नहीं ईश्वर तो सिर्फ एक है वो सर्वव्यापी है , वही इस सृष्टि का निर्माता है , अलग अलग लोगों के विचारों की भिन्नता के कारण लोगों ने अलग अलग सम्प्रदाय बना लिए , रीति रिवाज , कर्मकांड की विभिन्नता के कारण सबको अलग अलग धर्म मान लिया और फिर अपने सम्प्रदायों की संख्या बढ़ाने के लिए कभी लोगो को लालच देकर, तो कभी बहला फुसलाकर मुर्ख बनाकर तो कभी जोर जबरदस्ती से, डरा धमकाकर तलवार की नौक पर अत्याचार करने लगे आप स्वयं सोचिये क्या ये धर्म हो सकता है , जरा एक बार शान्त मन से अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुनिए , सोचोये क्या सदियों से जो चला आ रहा है वो सही है। 

जैसे की पहले भी कहा है के धर्म बहार से नहीं थोपा जा सकता , वो तो आपके अंदर से प्रकट होगा अगर आप सही से चिंतन करे , शांत मन से अपनी अंतरात्मा की आवाज को सुने जब आप सही गलत का फर्क समझेंगे तो स्वयं ही धर्म की रक्षा के लिए खड़े हो जायगे, लोगो को अधर्म का मार्ग छोड़कर धर्म के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करेगे , मै आपको धर्म नहीं सीखा सकता , मै क्या कोई भी नहीं सीखा सकता ये तो आपको स्वयं जानना है आओ धर्म को जाने और धर्म के मार्ग पर चले। 

-AC

Interesting facts of science

कोशिश .....An Effort by Ankush Chauhan

हमारी दुनिया  कई रोचक तथ्यों से भरी हुई हैजिनमें से ज्यादातर को विज्ञान सुलझा चुका और कुछ अभी भी अनसुलझे है । मानव शरीर से लेकर अंतरिक्ष तकलगातार नए शोध होते रहते हैं। और विज्ञान के कुछ नये रोचक तथ्य हमारे सामने आते रहते है आज हम ऐसे ही कुछ तथ्यों को जानेंगे 
जो आपकी  जानकारी में इजाफा करेंगे और दोस्तों के बीच अपनी समझ दिखाने का मौका भी देंगे।

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भौतिक विज्ञान के रोचक तथ्य (interesting facts of physics)

1.     क्या आप जानते है गुरुत्वाकर्षण में अंतर के कारण 90 किलो का व्यक्ति मंगल ग्रह पर 34 किलो का रह जाता है। उसी इंसान का चाँद पर वजन सिर्फ 15 किलो रह जाता है।

2.     क्या आप जानते है इलेक्ट्रिक ईल (मछली) शिकार और शिकारी दोनों को करंट मार सकती है। इसका करंट 500 volt के बिजली के झटके के बराबर होता है।

3.     क्या आप जानते है प्रकाश की चाल 299792458 m/s (3 x 10^8 m/ s) होती है यानी लाइट एक सेकंड में 299792458 m/s (3 x 10^8 m/ s) मीटर की दुरी तय कर लेती है aur disto grho aur taro ke bich ki duri ko light year me napa jata hai

4.     क्या आप जानते है ध्वनि लगभग 767 मील प्रति घंटे (1,230 किलोमीटर प्रति घंटे) की गति से यात्रा कर सकती है।

5.     क्या आप जानते है चंद्रमा से प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में महज 1.255 सेकंड का समय लगता है।

 

6.     क्या आप जानते है पानी गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध काम कर सकता है। अगर एक नली को पानी से भरे बर्तन में डालें, तो पानी बिना किसी यंत्र के नली में ऊपर की ओर चढ़ने लगता है। इस क्रिया को केपिलरी एक्शन (Capillary action) कहते हैं।

7.     क्या आप जानते है शुक्र (वीनस) एकमात्र ऐसा ग्रह है, जो पृथ्वी की विपरीत दिशा में घूमता है।

8.     क्या आप जानते है दुनिया में सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर चीता है, जिसकी अधिकतम गति लगभग 113 किमी प्रति घंटा (70 मील प्रति घंटे) है।

9.     क्या आप जानते है यूरेनस (अरुण ग्रह) के 27 ज्ञात चंद्रमा हैं, जिनमें से अधिकांश का नाम साहित्यिक पात्रों के नाम पर रखा गया है।

अंतरिक्ष से जुड़े कुछ रोचक तथ्य interesting facts of space

1.     क्या आप जानते है सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है. उसका व्यास कोई 13 लाख 90 हज़ार किलोमीटर है जो पृथ्वी से लगभग 109 गुना बड़ा हुआ पृथ्वी और सूर्य की औसत दूरी 15 करोड़ किलोमीटर है.

2.     क्या आप जानते है शुक्र हमारे सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह है, जिसकी सतह का तापमान 450 डिग्री सेल्सियस से अधिक है।

3.     क्या आप जानते है कि वैज्ञानिकों का मानना है कि एक उल्का पिंड हमारी धरती से टकराया , लगभग और 6.5 करोड़ साल यही अंतरिक्ष त्रासदी डायनासोर के विलुप्त होने का कारण बनी।

  1. चंद्रमा में पृथ्वी की तुलना में अधिक दाग-धब्बे दिखाई देते हैं। यहां बहुत कम प्राकृतिक गतिविधि चल रही है। पृथ्वी लगातार भूकंप, कटाव, बारिश, हवा और पौधों के माध्यम से अपनी सतह में सुधार कर रही है, जबकि चंद्रमा पर मौसम स्थिर रहता है। चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा छोड़े गए पैरों और टायरों के निशान हमेशा के लिए वहां बने रह जाते हैं, क्योंकि उन्हें मिटाने के लिए वहां हवा नहीं है।

 

5.     शनि एकमात्र वलय ग्रह (Ring planet) नहीं है, बृहस्पति, अरुण और वरुण जैसे अन्य ग्रहों के चारों ओर भी छल्ले हैं, लेकिन वो कम स्पष्ट हैं, इसलिए कम दिखाई देते हैं।

6.     2006 से पहले हमारे सौर मंडल में 9 ग्रह होते थे जिनमे से प्लूटो को ग्रह की श्रेणी से हटाने के कारण अब 8 ही है प्लूटो को अब एक बौने ग्रह यानी ड्वार्फ प्लेनेट के रूप में जाना जाता है।

7.     बृहस्पति के 4 सबसे बड़े चंद्रमाओं का नाम यूरोपा, गेनीमेड, कैलिस्टो और लो है।

पृथ्वी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य Interesting facts about earth

1.     अपना ग्रह यानी पृथ्वी का भी अपना अलग विज्ञान है, जिसे जिओ साइंस के नाम से जाना जाता है। पृथ्वी के गर्भ में खनिज और गैस के अलावा और बहुत कुछ छुपा

2.     मैग्मा पृथ्वी की सतह के नीचे पाया जाने वाला गर्म तरल पत्थर है। इसे ज्वालामुखी से निकलने के बाद लावा के रूप में जाना जाता है।

3.     हवाई एक जाना माना टूरिस्ट प्लेस है। वह प्रतिवर्ष 10 सेमी की गति से जापान की ओर बढ़ रहा है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि ये दोनों विभिन्न टेक्टोनिक प्लेटों पर स्थित हैं।

4.     सहारा रेगिस्तान को विश्व का सबसे बड़ा रेगिस्तान माना जाता है। अनुमान है कि एक तिहाई अफ्रीका सहारा रेगिस्तान में शामिल है।

5.     समुद्र के अंदर आने वाले भूकंप बड़ी सुनामियों का कारण बन सकते हैं, जिनसे पृथ्वी पर बड़ी तबाही की आशंका हो सकती है। 2004 में ऐसी ही एक सुनामी भारत में भी चुकी है 

6.     माउंट एवरेस्ट को सबसे बड़ा पर्वत माना जाता है। इसकी चोटी समुद्र तल से 8,848 मीटर (29029 फीट) ऊंची है।

7.     बरमूडा ट्रायंगल  पृथ्वी पर स्तिथ ऐसी जगह है जहा कोई भी विमान या पानी का जहाज जाता है तो वो दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यहां पर होने वाले हादसों के पीछे पृथ्वी की प्रबल गुरुत्वाकर्षण शक्ति है।अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखने पर यह नीली दिखाई देती है, इसलिए इसे ब्लू प्लेनेट कहा जाता है।

पशु-पक्षियों से जुड़े तथ्य Interesting fact about birds

1.     क्या आप जानते हैं एक जिराफ की जीभ 21 इंच लंबी होती है और वह उससे अपने कान तक साफ कर सकता है।

2.     ध्रुवीय भालू बाएं हाथ से काम करना पसंद करते हैं यानी वो लैफ्टी होते हैं।

3.     हाथी की सूंड में एक भी हड्डी नहीं होती, जबकि उसमें 4 हजार मांसपेशियां होती हैं।

4.     मनुष्यों को होने वाले सर्दी-जुकाम जैसे संक्रमित रोग गोरिल्ला में भी फैल सकते हैं।

5.     आपको जानकर हैरानी होगी कि छिपकली का दिल 1 मिनट में 1000 बार धड़कता है।

6.     क्या आप जानते है भालू के 42 दांत होते हैं।

7.     तितलियां सुन नहीं सकती हैं, लेकिन वो कंपन को महसूस कर सकती हैं।

ग्रहों के बारे में रोचक जानकारी interesting facts about planets

1.     ज्ञात ग्रहों में सबसे गर्म ग्रह शुक्र है। शुक्र ग्रह की सतह पर सल्फ्यूरिक एसिड बादलों की तरह बिछा रहता है।

2.     सबसे ठंडा ग्रह यूरेनस है।

3.     पृथ्वी ग्रह का केवल एक ही उपग्रह है चंद्रमा। सौर मंडल में केवल पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है, जिस पर पानी की तीन अवस्था तरल, ठोस और गैस पाई जाती हैं।

4.     मंगल ग्रह को रोमन गॉड ऑफ वॉर के नाम से भी जाना जाता है। फेरिक ऑक्साइड की अधिकता होने के कारण मंगल लाल रंग का दिखाई देता है।

5.     यूरेनस इतना बड़ा है कि पृथ्वी जितने 63 ग्रह इसमें समा सकते हैं।

6.     बृहस्पति इतना बड़ा ग्रह है कि इसमें पूरा सौर मंडल समा सकता है। बृहस्पति पर नजर आने वाला लाल निशान (ग्रेट रेड स्पॉट) एक भयंकर तूफान है, जो पृथ्वी से तीन गुना बड़ा है।

प्रौद्योगिकी से जुड़े रोचक तथ्य interesting facts about technology

1.     3.8 बिलियन से अधिक लोग आज इंटरनेट का उपयोग करते हैं, जो दुनिया की आबादी का 40% है। हर मिनट में 570 नई वेबसाइट बनाई जाती हैं।

2.     गूगल पर प्रतिदिन 350 करोड़ से भी ज्यादा विभिन्न तरह के सर्च किए जाते हैं।

3.     फेसबुक पर हर दिन 30 करोड़ से अधिक तस्वीरें अपलोड की जाती हैं। प्रतिदिन 80 करोड़ लाइक्स और 17.5 करोड़ लव रीएक्शन भेजे जाते हैं।

4.     फॉन्ट बदलकर प्रिंटर की इंक बचाई जा सकती है।

5.     1995 से पहले डोमेन का रजिस्ट्रेशन मुफ्त था। -मेल का आविष्कार वर्ल्ड वाइड वेबसाइट (WWW) से पहले हो चुका था।

इंजीनियरिंग से जुड़े मजेदार तथ्य Interesting facts abouts engineering

1.     इंजीनियर शब्द लैटिन शब्द इंगनेटर से आया है, जिसका अर्थ है चतुर यानी क्लैवर।

2.     सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया भारत के पहले इंजीनियर थे।

3.     एलिसा लियोनिडा इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त करने वाली दुनिया की पहली महिला इंजीनियर हैं।

4.     टाइटैनिक 882 फीट (269 मीटर) लंबा था। इसे आज भी शानदार इंजीनियरिंग के लिए जाना जाता है।

5.     एयरोस्पेस इंजीनियर अंतरिक्ष वाहनों या हवाई जहाजों को डिजाइन करते हैं।

6.     पर्यावरण (एनवायरमेंटल) इंजीनियर पर्यावरण में सुधार और इससे जुड़ी समस्याओं के समाधान तैयार करते हैं।

7.     आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक तेजी से बढ़ने वाले इंजीनियरिंग फील्ड है। अगले 10 वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कई मामलों में मनुष्य को पछाड़ सकती है।

मानव शरीर की रोचक जानकारी interesting facts about human body

1.     मानव शरीर से हल्का-सा प्रकाश निकलता रहता है, जिसे आंखों से देख पाना संभव नहीं है।

2.     मनुष्य की नाभि में बैक्टीरिया की 67 अलग-अलग प्रजातियां पाई जाती हैं।

3.     मनुष्य के शरीर में हर साल लगभग 4 किलो त्वचा कोशिकाओं की मृत्यु होती है।

4.     वैज्ञानिकों का अनुमान है कि नाक एक खरब अलग-अलग गंधों को पहचान सकती है।

5.     मनुष्य एक मात्र ऐसी प्रजाति है, जो शर्माना जानती है। मनुष्य ही एकमात्र प्राणी है, जिसकी ठुड्डी होती है।

6.     रक्त शरीर के वजन का लगभग आठ प्रतिशत हिस्सा होता है। मानव शरीर में इतनी रक्त वाहिकाएं है कि अगर सभी को जोड़ दिया जाए, तो इनसे पृथ्वी चार बार लपेटी जा सकती है।

7.     एमिग्डालोइपोकैम्पेक्टोमी (amygdalohippocampectomy) दिमाग की ऐसी सर्जरी है, जो मस्तिष्क के कुछ हिस्से को हटाने के साथ-साथ डर की भावना को खत्म कर सकती है।

रसायन विज्ञान से जुड़े कुछ मजेदार तथ्य interesting facts about chemistry

1.दुनिया में सबसे ज्यादा कठोर धातु प्लैटिनम है।

2.वातावरण में जितनी भी ऑक्सीजन पाई जाती है, उसका 20 प्रतिशत हिस्सा अमेजन के जंगल से प्राप्त होता है।

3.उड़ने वाले गुब्बारों में हीलियम गैस भरी जाती है, क्योंकि यह वायु से भी हल्की होती है। हीलियम का प्रयोग हवाई जहाज के टायर में भी किया जाता है।

4. पेट में ऐसा एसिड पाया जाता है, जो स्टील को भी गला सकता है।

5. तांबे यानी कॉपर पर बैक्टीरिया नहीं लग सकते हैं। इसीलिए तांबे के बर्तन में रखा पानी पीना स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है 

6.मानव शरीर में बड़ी मात्रा में कार्बन पाया जाता है, इतना कि इससे 9 हजार ग्रेफाइट की पेंसिल बनाई जा सकती है

7.ऑक्सीजन का रंग नीला होता है और इसे तरल ठोस अवस्था में ही देखा जा सकता है।

भोजन के तथ्य interesting facts about food

1.     चिड़िया की लार घोंसले से सूप बनाया जाता है और यह चीन का महंगा स्वास्थ्यवर्द्धक खाना है।

2.     हवाई जहाज में भोजन कम स्वादिष्ट लगता है, क्योंकि ऊंचाई पर सूंघने और टेस्ट करने की क्षमता में थोड़ी कमी जाती है।

3.     शहद 300 साल तक खराब नहीं होता है। शहद बहुत जल्दी पच जाता है, क्योंकि मधुमक्खी इसे पहले ही पचा देती हैं।

4.     मिल्क शेक में सबसे ज्यादा कैलोरी पाई जाती है।

5.     नारियल पानी को आपातकाल में ब्लड प्लाज्मा की जगह इस्तेमाल किया जा सकता है।

6.     अगर सिरके में मोती को डाला जाए, तो वो पिघल जाएगा।

7.     नींबू दुनिया का सबसे गुणकारी फल है।

पानी से जुड़े मजेदार तथ्य interesting facts about water

1.     दुनिया का 1.7% पानी जम गया है और इसलिए यह इस्तेमाल के लिए बेकार है।

2.     संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रतिदिन लगभग 40,000 करोड़ गैलन पानी का उपयोग किया जाता है।अमेरिकियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले पानी का लगभग आधा हिस्सा थर्मोइलेक्ट्रिक बिजली उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है।

3.     पानी, एसिड से ज्यादा तत्वों को घोल सकता है। यह सल्फयूरिक एसिड से भी अधिक घुलनशील है।

4.     दुनिया में 78 करोड़ लोगों के पास अच्छे जल स्रोत की कमी है। दूषित पानी से हर घंटे 200 बच्चों की मृत्यु हो जाती है।

5.     एक जेलीफिश और एक खीरे में 95% पानी होता है।

6.     जल पृथ्वी के तापमान को नियंत्रित रखता है।

7.     सभी नदियों की तुलना में वायुमंडल में अधिक ताजा पानी है।

अग्नि से जुड़े रोचक तथ्य interesting facts about fire

1.     आग का आविष्कार दुनिया के महत्वपूर्ण अविष्कारों में से एक माना जाता है। आग एक रासायनिक प्रतिक्रिया है, जो प्रकाश और गर्मी उत्पन्न करती है।आग जलाने के लिए ईंधन, ऑक्सीजन और गर्मी की आवश्यकता होती है।

2.     जंगल में आग लगने के दौरान अगर पेड़ के अंदर का पानी जल्दी भाप में बदल जाए, तो पेड़ फट सकता है। जंगल में आग लगने के बाद यह 25 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से फैल सकती है और रास्ते में जो कुछ भी आता है उसे नष्ट कर देती है।

3.     पृथ्वी एकमात्र ज्ञात ग्रह है, जहां आग जल सकती है। इसके अलावा और किसी ग्रह पर पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं है।

4.     लंदन में 1666 में बहुत भयानक आग लगी थी, जिसे दी ग्रेट फायर ऑफ लंदन के नाम से जाना जाता है। इस आग ने शहर का 80 प्रतिशत हिस्सा नष्ट कर दिया था। इसे गुड बर्न कहा जा सकता है, क्योंकि इस आग में प्लेग महामारी का वायरस भी खत्म हो गया था

5.     आग को भड़कने में 30 सेकंड से भी कम समय लग सकता है और इतने में ही इसे संभालना मुश्किल हो सकता है।

6.     अग्निशमन (आग बुझाना) वास्तव में पेरिस में 1900 ओलंपिक के दौरान एक खेल था।

7.     आग की लपटों की तुलना में धुएं के शरीर में जाने से अधिक लोग मर जाते हैं।

 

ध्वनि से जुड़े रोमांचक तथ्य interesting fact about sound

1.     संगीत से लगने वाले डर को मेलोफोबिया कहते हैं।

2.     हवा की तुलना में ध्वनि, पानी में 4.3 गुना तेज गति से यात्रा करती है। पानी में ध्वनि की गति 1,482 मीटर/सेकंड है।

3.     हवा की कोई आवाज नहीं होती है। यह अपने रास्ते में आने वाली बाधाओं के कारण ध्वनि पैदा करती है।

4.     पृथ्वी पर प्राकृतिक और सबसे तेज ध्वनि ज्वालामुखी विस्फोट के कारण पैदा हो सकती है।1883 में क्राकोटा नामक ज्वालामुखी विस्फोट दुनिया में सबसे अधिक ध्वनि उत्पन्न करने वाला विस्फोट था। इससे निकली ध्वनि 4 हजार मील की दूरी तक सुनी गई थी।

5.     ध्वनि को गति करने के लिए माध्यम की जरूरत पड़ती है। धरती पर हवा के माध्यम से ध्वनि तैरती है। जहां हवा हो वहां आवाज नहीं सुनी जा सकती है।अंतरिक्ष में ध्वनि के लिए कोई माध्यम नहीं है, इसलिए अंतरिक्ष में कोई आवाज नहीं सुनी जाती है।

6.     मक्खियां किसी भी आवाज को सुनने में सक्षम नहीं होती हैं।

बिजली के रोमांचक तथ्य

1.     बिजली एक तरह की ऊर्जा है, जो तकनीक को कार्य करने की सामर्थ्य दे सकती है। बिजली प्रकाश की गति से यात्रा करती है यानी लगभग 3 लाख किमी प्रति सेकंड।

2.     बिजली उत्पादन के लिए कोयला विश्व का सबसे बड़ा स्रोत है।

3.     पहली सफल इलेक्ट्रिक कार 1891 में अमेरिकी आविष्कारक विलियम मॉरिसन ने बनाई थी।

4.     मानव शरीर में भी बिजली पाई जाती है और दिल के काम करने में बिजली मददगार होती है।

5.     बायो ईंधन के अलावा हवा, पानी और सूरज भी बिजली उत्पादन कर सकते हैं। 600 मेगावाट वाले प्राकृतिक गैस संयंत्र से 220,000 घरों में बिजली दी जा सकती है।

6.     जब जमीन से बिजली टकराती है, तो यह बादल से जमीन की ओर बहती है, लेकिन जब वो दिखाई देती है, तब जमीन से वापस बादल में जा रही होती है।

7.     दुनिया का सबसे बड़ा लाइट बल्ब का नाम एडिसन है और यह न्यू जर्सी में स्थित है। यह 14 फीट लंबा है। इसका वजन आठ टन है और यह थॉमस एडिसन मेमोरियल टॉवर के ऊपर स्थित है।

प्रसिद्ध वैज्ञानिक तथ्य interesting facts about famous scientists

1.     मैरी क्यूरी को फिजिक्स और केमिस्ट्री दोनों में नोबल पुरस्कार मिला है। वह अकेली ऐसी वैज्ञानिक हैं, जिन्हें दो बार नोबल पुरस्कार मिला है। मैरी क्यूरी की मृत्यु 1934 में हो गई थी, लेकिन उनकी वस्तुएं अभी भी रेडियोधर्मी (रेडियोएक्टिव) हैं। इसलिए, क्यूरी जिन चीजों को इस्तेमाल करती थीं, उन्हें सुरक्षित तरीके से संग्रह करने में करीब 1,500 वर्ष और लगेंगे।

2.     महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन का विचार था किपढ़ाई चीजों को जानना नहीं है, बल्कि दिमाग को सोचने की ट्रेनिंग देना है।मृत्यु के बाद आइंस्टाइन के दिमाग का अध्ययन करने के लिए, उसे अंतिम संस्कार से पहले निकाल लिया गया था।

3.     भारत में परमाणु ऊर्जा का जनक होमी जहाँगीर भाभा को माना जाता है।

4.     दो प्रकार के अणु पाए जाते हैं बोसान और फर्मियान। इसमें से बोसान का नाम प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक सत्येन्द्रनाथ बोस से प्रेरित है।

5.     विज्ञान के साथ-साथ अरस्तू ने कविता, संगीत, रंगमंच, तर्क, मेटा फिजिक्स, नैतिकता और राजनीति सहित कई अन्य विषयों पर लिखा है। अरस्तु को वैज्ञानिक नहीं, बल्कि दार्शनिक के नाम से जाना जाता है।

ये फैक्ट्स बच्चों की विज्ञान में रुचि बढ़ा सकते हैं और उनके अंदर अधिक जानने की जिज्ञासा पैदा कर सकते हैं। इस लेख को अधिक से अधिक शेयर करें, ताकि आपके सभी दोस्त विज्ञान के बारे ये रोमांचक बातें जान सकें

-AC